उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सहायता प्राप्त अंतर महाविद्यालयीय संस्थानों के शिक्षकों के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए TGT (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और PGT(स्नातकोत्तर शिक्षक) की भर्ती के नियमों में अहम बदलाव किए हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों के शिक्षकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए TGT (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और PGT (स्नातकोत्तर शिक्षक) की भर्ती के नियमों में अहम बदलाव किए हैं। अब इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता (PGT) बनने के लिए केवल स्नातकोत्तर (पीजी) की डिग्री ही काफी नहीं होगी। इसके लिए अब B.Ed की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। इससे लाखों B.Ed धारकों को फायदा होगा।
TGT स्तर पर बायो की वापसी
प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त विद्यालयों में अब TGT स्तर पर जीव विज्ञान (बायो) विषय को पुनः शामिल कर लिया गया है। पूर्व में हजारों अभ्यर्थियों के रास्ते बंद हो गए थे क्योंकि जीव विज्ञान या वनस्पति विज्ञान की डिग्री वालों को तवज्जो नहीं मिल रही थी। नए आदेश के तहत अब जीव विज्ञान पढ़ाने वाले पदों पर बहाली होगी। इसके साथ ही, राजनीति विज्ञान और नागरिक शास्त्र में राजनीति विज्ञान की डिग्री को भी मान्यता दी गई है।
PGT स्तर पर नई शर्त
अब इंटर कॉलेजों में लेक्चरर (PGT) बनने के लिए केवल स्नातकोत्तर (पीजी) डिग्री ही पर्याप्त नहीं होगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब लेक्चरर पद पर चयन के लिए पीजी के साथ B.Ed डिग्री भी अनिवार्य होगी। यानी, B.Ed के बिना किसी भी विषय में लेक्चरर की नियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
पारदर्शिता और राहत
लंबे समय से शिक्षक संगठन इस बात की स्पष्ट दिशा-निर्देशों की मांग कर रहे थे कि कौन पात्र है। सरकार के इस आदेश के बाद अब यह असमंजस दूर हो गया है। इस बदलाव से हजारों अभ्यर्थियों को सीधा लाभ होगा और भर्ती प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और स्पष्ट होगी। कुल मिलाकर, TGT में बायो विषय की वापसी और PGT में B.Ed अनिवार्य होने से लाखों अभ्यर्थियों के लिए करियर की राह आसान हो गई है।